न्यूज डेस्क । भले ही कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खड़गे को पार्टी का अध्यक्ष बनाकर कुछ विवादों को दबा दिया हो , लेकिन राज्यों में जारी पार्टी के भीतर की बगावत पर पार्टी लगाम कसने में नाकाम साबित हो रही है । एक बार फिर से राजस्थान में सियासी घमासान तेज हो गया है । राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट ने एक बार फिर से अपनी ही अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है । राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दबाव की रणनीति को अपनाते हुए पायलट ने आज जयपुर में धरने का ऐलान किया । पार्टी आलाकमान ने ऐसा न करने के लिए पायलट को चेतावनी दी , लेकिन सचिन पायलट अपने अनशन पर अड़े हुए हैं ।
भ्रष्टाचार के मुद्दों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई
राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम की शिकायत है कि राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने उन तमाम भ्रष्टाचार के मुद्दों पर साढ़े चार साल में कोई कार्रवाई नहीं की जिनके आधार पर प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में आई थी । पायलट ने रविवार (9 अप्रैल ) को अपनी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया । उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार राजस्थान में भाजपा के शासन के दौरान किए गए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने में विफल रही । यही कारण है कि उन्होंने कार्रवाई की मांग को लेकर 11 अप्रैल को एक दिन का अनशन करने की उनकी योजना की घोषणा की ।
कांग्रेस बोली - पार्टी विरोधी गतिविधि मानी जाएगी
इस पूरे घटनाक्रम के बीच कांग्रेस ने सचिन पायलट को चेतावनी देते हुए उन्हें कड़ी चेतावनी दी है । निर्धारित अनशन से कुछ घंटे पहले, कांग्रेस ने सोमवार (10 अप्रैल) रात को राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री को कहा कि उनकी ओर से इस तरह की कोई भी कार्रवाई पार्टी विरोधी गतिविधि होगी । कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पायलट के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, बीजेपी नेता गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले की जांच चल रही है । इसके अलावा शेखावत ने गहलोत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है । गजेंद्र सिंह वर्तमान में केंद्रीय कैबिनेट में जल संसाधन मंत्री हैं ।
सचिन पायलट को चेतावनी
कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने ट्वीट करते हुए लिखा - सचिन पायलट का अनशन पार्टी हितों के खिलाफ है और पार्टी विरोधी गतिविधि है । अगर उन्हें सरकार से दिक्कत है तो वह पार्टी के मंचों पर चर्चा करें न कि मीडिया और जनता से बताएं । रंधावा ने आरोप लगाया कि वह पांच महीने से एआईसीसी प्रभारी हैं और पायलट ने कभी उनसे इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की ।
''आप'' ने दिया सचिन को समर्थन
इस सबसे इतर , सचिन पायलट के इस फैसले को आम आदमी पार्टी ने अपने समर्थन दिया है । इसके जरिए आप ने कांग्रेस को झटका देने की कोशिश करते हुए बयान भी जारी किया है । पार्टी के प्रभारी विनय मिश्रा ने ट्वीट कर के सचिन के अनशन को अपना समर्थन दिया है । भाजपा भी बयानबाजी में उतरी
भाजपा नेता अर्जुन राम मेघवाल ने इस मुद्दे पर कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार दो गुटों में बंटी हुई दिख रही है । उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कोई विकास नहीं है । शासन गायब है और लोग पीड़ित हैं. मुझे उम्मीद है कि चुनावों में जनता उन्हें सबक सिखाएगी।